अपाठित गद्यांश – कक्षा 3
गद्यांश: नीलू एक छोटा लड़का था जिसे गाँव की जिंदगी बहुत पसंद थी। हर सुबह वह अपने दोस्तों के साथ खेतों में खेलने जाता। वहाँ वे मछलियों को पकड़ते, पक्षियों को देखते और पेड़ों पर चढ़ते। नीलू के दादाजी ने उसे कई कहानियाँ सुनाई थीं, जिनमें गाँव के साहसिक कार्य और प्रकृति की सुंदरता के बारे में बताया गया था। नीलू का सबसे प्रिय दोस्त एक कुत्ता था, जिसका नाम मोती था। मोती हमेशा नीलू के साथ रहता और उसकी हर बात मानता। नीलू और मोती मिलकर गाँव की हर गली में घूमा करते थे। एक दिन, नीलू ने देखा कि मोती बहुत उदास है। उसने दादाजी से पूछा, “दादाजी, मोती इतना उदास क्यों है?” दादाजी ने मुस्कराते हुए कहा, “शायद उसे भी तुम्हारे जैसे दोस्तों की जरूरत है।”
प्रश्न:
- नीलू कौन था और उसे क्या पसंद था?
- नीलू अपने दोस्तों के साथ कहाँ खेलने जाता था?
- नीलू के दादाजी ने उसे कौन सी कहानियाँ सुनाई थीं?
- नीलू का सबसे प्रिय दोस्त कौन था?
- मोती क्यों उदास था और दादाजी ने क्या कहा?
उत्तर कुंजी
- नीलू एक छोटा लड़का था जिसे गाँव की जिंदगी बहुत पसंद थी।
- नीलू अपने दोस्तों के साथ खेतों में खेलने जाता था।
- नीलू के दादाजी ने उसे गाँव के साहसिक कार्य और प्रकृति की सुंदरता के बारे में कहानियाँ सुनाई थीं।
- नीलू का सबसे प्रिय दोस्त एक कुत्ता था, जिसका नाम मोती था।
- मोती उदास था क्योंकि शायद उसे भी दोस्तों की जरूरत थी, जैसा कि दादाजी ने कहा।
यह अपाठित गद्यांश और प्रश्न उत्तर कुंजी के साथ विद्यार्थियों को उनकी पढ़ने और समझने की क्षमता को परखने में मदद करेगा।
अपाठित गद्यांश – कक्षा 3 (कठिन)
गद्यांश: एक बार की बात है, एक जंगल में तरह-तरह के जानवर रहते थे। इनमें से सबसे होशियार एक लोमड़ी थी। वह हमेशा चतुराई से हर समस्या का हल निकालती थी। एक दिन जंगल में एक बड़ी सभा बुलाई गई। सभा में निर्णय लिया गया कि जंगल की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए जाएं। लोमड़ी को सभा का प्रमुख बनाया गया। उसने तय किया कि जंगल में कोई भी जानवर बिना अनुमति के प्रवेश नहीं करेगा और सभी को जंगल के नियमों का पालन करना होगा।
कुछ दिनों बाद, एक भूखा भेड़िया जंगल में आया। उसने जंगल के नियमों की परवाह किए बिना प्रवेश कर लिया। सभी जानवर भयभीत हो गए और लोमड़ी के पास मदद के लिए गए। लोमड़ी ने तुरंत एक योजना बनाई और भेड़िये के सामने जाकर बोली, “तुम हमारे जंगल में बिना अनुमति के आए हो। अगर तुम यहां रहना चाहते हो, तो तुम्हें हमारे नियमों का पालन करना होगा।” भेड़िये ने लोमड़ी की बात मानी और जंगल के नियमों का पालन करने लगा।
इस घटना के बाद, सभी जानवरों ने लोमड़ी की तारीफ की और उसकी चतुराई को सराहा। जंगल में फिर से शांति और सुरक्षा कायम हो गई।
प्रश्न:
- लोमड़ी को क्यों होशियार माना जाता था?
- जंगल की सुरक्षा के लिए क्या निर्णय लिया गया था?
- भेड़िया क्या करके जंगल में आया?
- जानवरों ने लोमड़ी से क्यों मदद मांगी?
- लोमड़ी ने भेड़िये के सामने क्या शर्त रखी?
उत्तर कुंजी
- लोमड़ी को होशियार माना जाता था क्योंकि वह चतुराई से हर समस्या का हल निकालती थी।
- जंगल की सुरक्षा के लिए निर्णय लिया गया कि कोई भी जानवर बिना अनुमति के प्रवेश नहीं करेगा और सभी को जंगल के नियमों का पालन करना होगा।
- भेड़िया बिना अनुमति के जंगल में आया।
- जानवरों ने लोमड़ी से मदद मांगी क्योंकि वे भूखे भेड़िये से डर गए थे।
- लोमड़ी ने भेड़िये के सामने यह शर्त रखी कि अगर वह जंगल में रहना चाहता है तो उसे जंगल के नियमों का पालन करना होगा।